योग ही हमें
स्थपीत करेगा
विश्व् गुरु के
स्थानपर ।
विश्व् को सिखा
देंगे
क्यू है हम संयमी
क्यू है हम
बहू आयामी
विश्व् को सिखा
देंगे
क्यू है यहा
विविधता में एकता
क्यू है यहा
बंधू भाव में
सहजता
विश्व्
को सिखा देंगे
क्यू है यहा नारी को प्राप्त है पूज्यता
क्यू है यहा नारी को प्राप्त है पूज्यता
क्यू है यहा
ज्ञानियोकी सुफ़लता
विश्व् ये जानेगा
विज्ञान में न
पिछे थी हमारी
पूर्वकालीन
सभ्यता
ज्ञान विज्ञान के पथ
पर
बहुत
थी आगेकी यौग्यता
जय जयकार भरत भु
का
सुनील
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