मै चिखता चिल्लता हूं
आखरी उनके बजाय अपने ही
लहू का घुट पिलेता हुं ।
जब कोई नराधम करता है
मासूमो पे अत्याचार या कई
होती है निरपराध की हत्या।
मै चिखता चिल्लता हूं
आखरी उनके बजाय अपने ही
लहू का घुट पिलेता हुं ।
जब होता है भ्रष्टाचार
या काले धंधे का ब्यापार
या कोई मिलावट करती है
मौत का कारोबार ।
मै चिखता चिल्लता हूं
आखरी उनके बजाय अपने ही
लहू का घुट पिलेता हुं ।
आतंक फैलता है जाती जाने
या होते शासन के अत्याचार
जिससे उजडतें है संसार ।
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