जनता हूं आज तक कोई न जित सका
जिने की चाहत में कोई चिरंजीव न हो सका
फिरभी
जितने के लिये मैं लडुंगा हारने वाली लढाई
ये पेच है उपरवालेका जाणता है वो कब क्या होगा
फिर भी नाही बाताता कब पुरा होगा जिने का सिलसिला
फिरभी
जितने के लिये मैं लडुंगा हारने वाली लढाई
जिंदगी के हर मक्काम पर लढता ही आया हूं
हारना जितना अब कोई मायने नाही लगता
फिरभी
जितने के लिये मैं लडुंगा हारने वाली लढाई
यादी हार भी गया अंतमे मैं इन दारींदोसे
मेरी हार भी मशाल होगी जीत के लिये पथदर्षी
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