दवा तो युही गल्ली नुकड
चौराहे पे मिलती
दुवा युही नही बिकती
दवा में होती है रसायनो
की ताकत
दुवा होती है रूह
की बरकत
दवा को लगती पैसे
की शकसीयत
दुवा को लगती इनसानीयत
की शकसीयत
तुम करो या ना करो
दवा के लिये मदत
लेकीन दुवा जरूर करो
उसीमे होती है असली बरकत
सुनील
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