Saturday 24 December 2016

जन का नेता है फिर भी  श्रधेय है वो
 जीवन का पथदर्शी जनमन का नेता है वो

 अटल है अपने विश्वास ,कर्म अपने सघटन पर
 फिर भी सबके विश्वास का धनी है वो

 राजनीती में स्रह्दय ,कवि ह्रदय का है वो
 घृणा के राजनीती का अजोड़ हत्यारा वो

 नही भूल सकते उसका राष्ट्र के प्रति आवेश
 न भूलो उसको राजधर्म  का उपदेश
 एकांत मैं है  फिर भी  गूंजता उसका सन्देश                                            जन का नेता है फिर भी  श्रधेय है वो
 जीवन का पथदर्शी जनमन का नेता है वो

 अटल है अपने विश्वास ,कर्म अपने सघटन पर
 फिर भी सबके विश्वास का धनी है वो

 राजनीती में स्रह्दय ,कवि ह्रदय का है वो
 घृणा के राजनीती का अजोड़ हत्यारा वो

 नही भूल सकते उसका राष्ट्र के प्रति आवेश
 न भूलो उसको राजधर्म  का उपदेश
 एकांत मैं है  फिर भी  गूंजता उसका सन्देश                                            

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