Monday, 30 May 2016

प्रधानमंत्रीजी को कॉग्रेस ने सपनो का सौदगर कहा।

         प्रधानमंत्रीजी  को कॉग्रेस  ने  सपनो का सौदगर कहा।  

मै कॉग्रेस को बधाई देता हुं । कम से कम इतना तो कॉग्रेस ने माना 
कि प्रधान मंत्रीजी लोगोको आछे सपने तो देते है ।
मै कॉग्रेस को अपने कार्यकाल की याद दिलांना चाह्ताहू याद करीये आप जब सत्ता में थे तब लोगोंको कीस प्रकार के सपने आतेथे कोनसा घोटाला आज सुनने को मिलेगा ,कोनसे सार्वजनीक व्यवस्था में घोटाला हो रहा है जिसकी वजह से हमारी जिंदगी तहस नह्स हो जायेगी ,कोनसा देश हमारी व्यवस्था में घुसकर आतंकी कारवाई करेगा ,कोनसे जगह ये आतंकी कारवाई होगी , कोन मारा जायेगा ,कहा दंगे होगे ,कोनसे मजहब में क्या तेढ आयेगी   सब इतना सहमे रह्तेथे की  सपने देखना दूर हम सही तरीकेसे जी भी नही सकतेथे ।
कमसे कम गये दो साल में हम लोग इस भय से मुक्त हो गये है । हमे लगता है की ये सरकार सुरकशा  के बारेमे सशक्त है । कमसे कम ये लोग अपनी मातृभूमी का कोई सौदा किसी विदेशी के साथ नही करेंगे इसका विश्वास ये लोगोने कमाया है ।
गये साठ साल में आप लोगोने  जनता को लुटा है ओर आपके सभी साथी करोडो के मालीक बनबैठे है ,आप ने कई  ऎसे काम किये है  की जिस तरीकेसे आपने सरकार चलाई है उसे हम आश्वस्त नही थे उलटे हम डरे हुवे थे ,आपके  प्रधान मंत्री किसी कठपुतली तऱ्हा काम करते दिखतेथे 
हमे शायद ये गलत भी लगता होगा, लेकिन कोयला घोटले के बारेमें जो विषय सामने आ रहे है उससे जरूर लगता है की  इसमें प्रधान मंत्री के अलावा भी कुछ तत्व काम कर रहे थे ।

आज कल देश की  रकक्ष। करणे वाले जवानोसे मिलने के बाद ये महसूस होता है की  अब सुरषा के बरे में हमारे तेवर बदल चुके है ।सरकार में राजनीती से जादा मातृभूमी सुरषा पर जदा  ध्यान दिया जा रहा है ।

देश के व्यापारीयोंके बात करणे पर उनको भी कुछ उचीत बदल होते दिख रहे है हलकी अपने निजी स्वार्थ के कारण GST विधेयक रोक के रखा है ।
देश का किसान अब बेहतर सुरषा मेहेसुस कर रहा है ।उसे  खात उर्व्रत सही मात्रा  में उपलब्द हुवे है । 
पाणी की राजनीती चलने से जादा पाणी की साठवण क्षमता बढे इसके लिये कुछ दूरगामी ओर स्थायी व्यवस्था की बात हो रही है । 

शिक्षा के बारे इस राष्ट्र की गरिमा को सही तरीकेसे द्र्श्नेकी कोशीश की जा रही है ।

आपके सन्मान्य मनत्रीगन विदेश में जाकर इस देश जनता कि पसीने की कमाई पर मजे  लुटते थे ओर जब निर्णय की घडी में सारे देश पडोसी देश से दोस्ती दिखाकर हमे परास्थ करतेथे ।आज ये स्थिथि बदल गई है । अब भारत का नकशा हो भारत का झंडा हो या हमारी किसी आंतरिक स्थिती हो इसपर टिपण्णी करणे से कतरते है ।

मै इस सरकार कि बहोत सारी उपलब्धी लिख सकता हु 

मै  कोई भा.जा.प का सदस्य या उसका प्रशंसक नही हुं फिर भी  आपकी टिप्पणी हमे अछी  नही लगी. 


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