खुब हमारे डाक्तर चाचा
मन का बहुत सच्चा ।
लंदन से डाक्तरी की पदवी पायी
परदेश उनको रास न आयी
चले आये भारत में
गरीबकी दवा बनकर
रात दिन जुटे रहे
गरिबका खुदा बनकर
इंनकी पढाई इतनी गाढी
मशीन की इनको लगती ना सीढी
फिस की इनको ना कोई चिंता
मरीज का ठीक होना इनको भाता
डॉकटर चाचा की पीठ थपथपाई
सस्ते दवा की लिखायी
हमे लगती बिमारी में दुलारी रजाई
On Doctors day for all our family Doctors
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