मंत्रो का शास्त्र के साथ बडा गहरा नाता है
हमारे ऋषी मुनियोने ध्वनी के आघात का अध्ययन करके ,उसका मानव जाती पर होने वाला प्रभाव बडे
गहराई से अनुसंधान करके लोगो हित को ध्यान में रख के विश्व् को समर्पित किया है ।
इस मंत्र शास्त्र का भौतिक विज्ञान से बडा नाता है । ये मंत्र बडे गह्राई से अध्ययन करने के बाद लोगोंको
शरीर के अनेक अंगो पर पडने वाला प्रभाव का पत्ता चला है ।
मंत्र हर एक शब्द हमारे शरीर के किसी अंग से जुडा है । उसका उचारण उसी भाग मे शक्ती कि लहर बनता
है । इसके कारण शारीर उस अंग पे अतिरिक्त शक्ती निर्माण होती है । मंत्र का शब्द उच्चरण यादी गती लय
ओर आरोह अवरोह का ध्यान रखते हुवे करते है तो प्रभाव बेहतर पाया जा सकता है।
मंत्र का उच्चआरनं किसी समूह या जाती विशेष के लिये ही नाही हो सकता है यदी हमने इसे शात्र माना
तो ये समुचय मानव जाती के लिये ही हो सकता है ।
जिस समुदाय के पास विद्या मे गती होने से और रुची होनेसे जलद पोहचा उन्होने इसका फायदा अपने तक सीमित राखा और दुसरोके लिये इसपर पाबंदी लगाई इसी वजह से इनका उपयोग बडे पैमाणे पर न होते हुवे
दुर्भाग्यवश उसमे अनेको अनेक गलत धारणा ये जुडी रही ।
मैं नवाजवोनो ये आग्रह करुंगा की इस धारणा को बदल कर शास्त्र की कसोटी पर इसको जाचे ओर हमारी ये पुरानी धरोहर विश्व् के सामने गौरांकित करे ।
आपको हर एक मंत्र का शास्त्रीय पहचान इंटरनेट के माध्यमं से मिल जायेगी उसे और आगे ले जाने की कोशीश करने की आवश्यकता है ।
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