Wednesday, 27 July 2016

ज्ञान का सागर था वो संत था ओ आचरण से


























ज्ञान का सागर था वो 
संत था ओ आचरण से 

राष्ट्र  का  मार्गदर्शक था
विश्व् के लिये आश्वासक था वो 

 युवा  से जुडा था वो 
ज्ञानीयोंके लिये पथदर्शक 


२०-२०का स्वप्न संजोगे 
अग्निपंख धारण करके 
 भारत को विश्व्गुरु बनाना चाहता वो 


इस महान तत्व वेता ज्ञानी को 
बरसी पर हमारी  भावभीनी शबदांजली 



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