प्रित में हार ही जीत है ।
जवानी के पथ पर प्रेमिका से हरना
हार से झुकना यही तो प्रीत है ।
प्रित में हार ही जीत है ।
गृहस्थाश्रम में पत्नी के हट से हरना
संसार बोझ ढालना याही तो प्रीत है ।
प्रित में हार ही जीत है ।
चाहे नन्हें से लढाना लढ के हरना
अपनी हार में उसका खील खिलना
यही तो प्रीत है ।
प्रित में हार ही जीत है ।
खेल में हार के जितना जित के हारना
खेल की भावना जागृत रखना
याही तो खेल प्रीत है ।
प्रित में हार ही जीत है ।
बुढापे में शारीर के बोझ से हारना
अंत तक उसकी रीत निभाना
यही तो प्रीत है ।
सुनील
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