तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।
हमने ने इसके शान के खातीर
अपना कफन बनवाया ।
हमने ने इसको सझाने के लिये
अपना कफन ही काम लाया ।
तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।
ओ तिरंगा ही है जिसकी शान में
हम सिना तानते ते है ।
ये तिरंगे खातीर जरुरत पर
सिने पे गोलीया खाते है ।
तिरंगे की शान में हम गीत गाते है।
हम जवांनो को तुमपे नाही
तिरंगे पर एतबार
ओ तिरंगा है इमरा
रुतबा ओर उपहार ।
तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।
तु न सिर झुकता
छूटी का हारदम उधम मचता
जिस दिन तिरंगे का
उस्तव होता महान ।
तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।
तुझ पर क्यु विश्वास करे हम
'तेरी क्यु रक्षा करे हम
तु बेवफा है इस
राष्ट्र का महान ।
तिरंगे की शान में हम गीत गाते है
इस तिरंगे के खातीर हमने ने
क्या सहा है इसका नाही है तुझे एहसास ।
सिर झुका इस तिरंगे के सामने
न सोचते हुवे जात धरम पंथ का दुस्वास
दे हमें भारतीय होने का विश्वास ।
सुनील
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