Saturday, 13 August 2016

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।



तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।

हमने ने इसके शान के खातीर 
अपना कफन बनवाया ।
हमने ने इसको सझाने के लिये 
अपना कफन ही काम लाया ।

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।

ओ तिरंगा ही है जिसकी शान में  
हम  सिना तानते ते है ।
ये  तिरंगे खातीर जरुरत पर 
सिने पे गोलीया खाते है ।

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है। 

हम  जवांनो को तुमपे नाही 
तिरंगे पर एतबार 
ओ तिरंगा है इमरा 
रुतबा ओर उपहार ।

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।

तु न सिर झुकता 
 छूटी का हारदम उधम मचता 
जिस दिन तिरंगे  का 
 उस्तव होता महान ।

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है ।

तुझ पर क्यु विश्वास करे हम 
'तेरी क्यु रक्षा करे हम 
तु बेवफा है इस 
राष्ट्र का महान ।

तिरंगे की शान में हम गीत गाते है 

इस तिरंगे के खातीर हमने  ने 
 क्या सहा है इसका नाही है तुझे एहसास ।
सिर झुका इस तिरंगे के सामने 
न सोचते हुवे जात धरम पंथ का दुस्वास 
दे हमें  भारतीय होने का विश्वास ।

सुनील 




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