Thursday, 1 September 2016

ये राहुल जी का क्या करे

                                    ये राहुल जी का क्या करे 





मैं आरएसएस के बारे में बयान बाजी और उसके बाद में कोर्ट में उससे अलग विधान करनाऔर बाद में फिर मुकरना इसकी बात जिक्र कर रहा हूं

जिसे कांग्रेस पार्टी अगला प्रधान मंत्री बनना चाहती है । बड़े राष्ट्रिय नेता के रूप में देखना चाहती है ।
उसे ये बाते शोभा नही देती । मूलतः भारत के राष्ट्रिय धरोहर के प्रति उनका अपना अभ्यास कम होने का द्योतक है ।

आज व्हाट्सप ,फेसबुक इसपर यदी आप अपनी नजर डालेंगे तो आज की नोजवान पीढ़ी उनके बारे में क्या सोचती है इसका अंदाज आपको आजायेगा । जिस नाम से इन्हें  डिजिटल विश्व में जाना जाता है  ओ नाम ही इनकी हैसियत समझने के लिये काफी है ।

आज सबसे दुःख होता है की कांग्रेस जैसी राष्ट्रिय पार्टी जिसके महात्मा गांधी ,जवाहरलाल ,लालबहादुर शास्त्री,वल्लभाई पटेल,इंदिरा गांधी इनके जैसे अनेको अनेक उत्तुंग व्यक्तिमत्व का इतिहास होने के बावजूद इनके पास आज एक भी नेतृत्व नही है जो इनका वारस कह  सके ।

राजनीती में अपना घर  बनाने के लिए जो जरूरी साधन चाहिए उसी का आभाव इन सबके पास दीखता है ।
राष्ट्रिय धरोहर के उचित जानकारी ,राष्ट्र के प्रति सम्मान,राजनीती में व्यक्ती से जादा राष्ट्र हित ,राजनीती की सूझबूझ ,राष्ट्रिय तथा अतंरराष्ट्रीय दाव पेच को समझना ,लोगो के प्रति उत्तर दायित्व ये और ऐसे अनेक गुणों का आभाव इनमे झलकता है ।

दलालो और वकीलो के भरोसे जो पार्टी चलती हो उससे ये अपेशा रखना भी जायज नही है । जिस दरबारी नीती से इनका राज चलताथा और आज भी चल रहा है इससे देश का भला न चाहने वाले ,देश को नुकसान पोहचाने वाले ये लोग राजनीती से हटाने चाहिए इसका विचार हम जनता को करना होगा।

ये और इनकी पार्टी कोई विकल्प दे नही सकती । इनके साथ रहना ,इनके साथ राजनैतिक व्यवहार बढ़ाना भी जनता की बड़ी भूल  होगी ।
मैं सोनियाजी को भी आवाहन करना चाहता हूं  एक माँ को अपना बेटा प्यारा लगता है उसे कई और काम में व्यस्त की जे, उनका करिअर राजनीती नही है इसका अंदाजा आपको आया होगा, आप उसे राजनीती में रखकर उसका करिअर बरबाद कर  रही है इतना भी नही आप अपने पूर्खोंका नाम भी खराब  रही है । आपके कांग्रेस वाले अपने स्वार्थ के लिए उसकी जयजयकार करते होंगे लेकिन जनता उसे कभी मानेगी नही।


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