Thursday, 8 September 2016

ये शांत वादियो का कश्मीर






ये शांत वादियो का  कश्मीर 
आज शोलो में क्यू खो गया 
नौजवनो ये जहर किसने है फैलाया । 

पर्यटक इसकी जान है 
आज बंद पड़ा है शिकारा 
इस नंदनवन  को रनवन बनानाने का 
किसने है विचार पाला  । 

नौजवानों न सुनना किसीकी 
सुनना है तो दिलकी   सुनो 
न करो वतन  से गद्दारी 
ये सारा वतन तुम्हारा है । 

कश्मीर से कश्मीरियत ही निकल जायेगी 
कोन आयेगा  यहाँ बनके पर्यटक 
बिना उनके हो  सकेगी 
आपकी जानो माल की बरकत । 

जीना चाहते हो क्या काफीर की जिंदगी 
दुसरो के वतन में अपना ही वतन छोड़के 
जो गये आज भी पछता रहे है 
जीते जी काफिर की जिंदगी । 


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