ये शांत वादियो का कश्मीर
आज शोलो में क्यू खो गया
नौजवनो ये जहर किसने है फैलाया ।
पर्यटक इसकी जान है
आज बंद पड़ा है शिकारा
इस नंदनवन को रनवन बनानाने का
किसने है विचार पाला ।
नौजवानों न सुनना किसीकी
सुनना है तो दिलकी सुनो
न करो वतन से गद्दारी
ये सारा वतन तुम्हारा है ।
कश्मीर से कश्मीरियत ही निकल जायेगी
कोन आयेगा यहाँ बनके पर्यटक
बिना उनके हो सकेगी
आपकी जानो माल की बरकत ।
जीना चाहते हो क्या काफीर की जिंदगी
दुसरो के वतन में अपना ही वतन छोड़के
जो गये आज भी पछता रहे है
जीते जी काफिर की जिंदगी ।
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