ऋण विचार
ऋण चितन
ऋण संकलन
जिवन विरान हो जायेगा
यदि रहोगे ऋणभरित
ना देंगे तुझको जीवन
हुवा तो छीन लेंगे तेरा समर्पण
दूर रहो ऋण विचारोंसे
दूर रहो इस चिंतन से
दूर रहो इसके संकलन से
करते रहो धन भारित विचार
मिलेगा धन मिलेगा सुखसमाचार
खुद तो करो ही
दुसरो को भी भेट दो ये धनभारीत विचार
No comments:
Post a Comment