
हम तो तेरे दर पे बडी आस
लेके आये है
देखते है तू कीससे हमारी झोली
भर देता है।
तू चाहे भर दे दुख से या सुखसे
तू चाहे भर दे चाहत से या राहत से
हम तेरा शक्रिया ही अदा करेंगे बडी इबादतसे ।
हमारी ये खता रहेगी
तू हम को राहत दे या आस
तू जरूर दे गरिबको रोटी प्यासे को पाणी
बेसहारा रोंको आसरा ओर जरुरतमंद को मदत ।
शायद ये सारा ह्म दे सके उनको
पर ये देने ताकत तु हि देता है
कम से कम ये ताकत ही दे हमको
जिसे हम तेरी ये इबादत कर सके ।
सुनील १०/५/१६
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