Monday, 9 May 2016

हम तो तेरे दर पे बडी आस लेके आये है |

When My Arm Cant Reach People I Hug Them With My Prayers
हम तो तेरे दर पे  बडी आस
लेके आये है
देखते है तू कीससे हमारी झोली
 भर देता है।

तू चाहे भर दे दुख से या सुखसे
तू चाहे भर दे चाहत से या राहत से
हम तेरा शक्रिया  ही अदा करेंगे बडी इबादतसे ।


हमारी ये खता रहेगी
तू हम को राहत दे या आस
तू जरूर दे गरिबको रोटी प्यासे को पाणी
बेसहारा रोंको आसरा ओर जरुरतमंद को मदत ।

शायद ये सारा ह्म दे सके उनको
पर  ये देने ताकत  तु  हि देता है
कम से कम ये ताकत ही दे हमको
जिसे हम तेरी ये इबादत कर सके ।

सुनील १०/५/१६
 

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