दीपा करमरकर ने अपनी BMW कार जो उन्हें ऑलम्पिक के अछे प्रदर्शन के बाद मिली थी वापस दे रही है ।
यह सोचने की बात है की सचिन जैसे महान खिलाडी से पाया हुवा उपहार वो वापस कर रही है । विशेष यह है की यह उपहार हैदराबाद स्थित बॅडमिंटन असोसिएशन ने दिया था ।
भारतवर्ष की ये त्रासदी है की खिलाड़ियों में हुनर है । इच्छा है और मेहनत करने की लगन भी है लेकिन खिलाडी को क्या चाहिए ये कोई जानता नही समझता नही
जैसी ही किसी खिलाडी ने कुछ सफलता हासील की तो मनो सभी उसका श्रेय लेने के लिये टूट पड़ते है उस खिलाडी की जरूरत उसकी आज की समाजीक आर्थिक स्थिति का अंदाज न लेते हुवे उसे उपहार भेट चढाते है
ऐसे उपहार जो शायद भविष्य में उसको बोझ लगने लगे
दूसरे सरकारी उपहार जो बड़े ढोल ताशे के साथ लोगोंके बिच में एलान तो होते है लेकिन खिलाडी के हाथ में आने के लिये उस बेचारे को अपना खेल छोड़कर दफ्तरोंके चक्कर काटने पर मजबूर कर देते है
आज खिलाडी योंको चहिये उनत साधन जो उसके खेल में जादा निखार ला सके, उनको चहिये अछा खुराक जिससे ओ अपना खेल जादा एकाग्रता
से सराव कर सके, उनको चाहिये खेल का मैदान जिस पर ओ अपना हुन्नर बढासके हमे ये चीजो पर ध्यान देना पड़ेगा
जो धनी लोग या सघटन खिलाड़ियोंको मद्त करना चाहते है उनको भी यह प्रथमिकता की और ध्यान देना चाहिये ।
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