Wednesday, 11 May 2016

मोदिजीको खुला पत्र

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मनकी बात 

प्रधानमंत्रीजी

सादर प्रणाम


छतिसगढ  में  जो हुवा इससे  हम मन  ही  मन घबरा गये ,क्या दोबारा हमे कॉंग्रेस जैसा कुशासन देखने को मिलेगा ,मोदिजी आज तक हमने आपके कामोकी  तथा आपके अभियानोकी वकालत की है उसे सराहा है
६० सालोमे कॉग्रेस यही करता आ रहा है . अपने वीरोधीयोंको समाप्त करने के लिये उन्होने गैरतांत्रिक ,लोकशाही विरोधी काम किया है . हम ये मोदिजीसे नही चाहते है .

आपको अभी सतर्क रहने कि आवश्यकता है ,अपने जिस तरीकेका कारोबार करना चालू किया है उसकी वजह से बहोत  सारे बीचौलीये बेकार हुवे है ,उन बीचौलीयो ने काम न होने कारण आपकी बदनामी का सत्र शरु किया है
उनके लिये आपको व्यवस्था करनी पडेगी .
हमारे देशमे मानो  या न मानो  काले धन की एक स्वतंत्र अर्थव्यवस्था (parallel economi )    बनी हुई थी
आज भी ओ चल राही है ,आपके उपयोसें उनकी गती धीमी हुई है ,इसका एक दुसरा पहेलु भी है जिसके कारण बाजार ठप्प पडा है  ,लोगोंको रोजी रोटी से हात धोना पड रहा है ,ईस समस्या पर आपको अलग सोचना पडेगा
लोगोंको डराने  के लिये इसं बतोंका उपयोग किया जा रहा है .

मै  आपको एक उदाहरण जरूर बताना चाहता हु हमारे एक मित्र ने गाडी (car) लेना तय किया उसके लिये अपने  CA साहब के पास गया उनकी  खेती भी है उसकी  भी थोडी बहुत आमदनी है हमेशा गाडी लेते वक्त याही हिसाब रखकर बही खाता  चाल्ताथा लेकिन एस बार  उनकी कमेंट थी मोदी सरकार आयी है  जरा सभलके
ईसी तरह  लोगो को आछे  कामो की बजाय डराया जा रहा है

इसकी वजह से जनता  स्न्मब्र्ह्मीत हो सकती है  भारत देश में  हरेक को भ्रष्टाचार कम होने की उमीद है लेकिन उसमे भी उनका अपना पक्ष है दुसरे करते है ओ बंद होना चाहिये, मेरा नही यहीं उनकी इच्छा है इसे भी आपको दुरुस्त करना पडेगा

भारतीय जनता पार्टी की  ये एक कमजोर कडी है ,वें  काम तो अछा करते है लेकिन उसका मार्केटिंग ओर समाज प्रभोधन उनसे नही होता है हलकी विरोधी पक्ष में रहते ये काम सबसे बेहतर यही लोग करते है . इसका सबसे बडा कारण मुझे जो लगता है  ओ ये है की  आपके कार्यकर्ता ओ का भी भ्रमीत होना

ये बात थोडी विस्तृत करता हु ,सरकार आने  के बाद आपके पक्ष मे संघेतर कार्यकरता  है, उनकी सोच कॉग्रेसी जैसी  होती है उसकी वजह से उनकी अपेशा सर चढके बोलने लगती है ओर आप लोग उसे पुरा कर नही पाते हो
क्यूकी आपका ओ चरित्र नही है ,मुझे लगता है की  आपको इस ओर भी ध्यान देना पडेगा

नरेद्र्जी आप भी कार्यकर्ता रह चुके हो हर एक कार्यकर्ता अपना घरबार छोडकर देश की सेवा करे ये संभव नही है इसके लिये आपको अपने कार्यकर्ता का ध्यान रखना होगा उसके लिये कोई उचीत व्यवस्था करनी होगी जिसे उसकी आमदनी भी चले ओर उसका राष्ट्र कार्य ,अब ओ जमाना चला गया की आपके पास थोडे ही कार्यकर्ता  थे जिनको आप जनतेथे आज आपके पास लाखो कार्यकर्ता है  मै ये नही कहता की ये आपके अकेलेकी जीमेवारी है लेकीन इसका भी चिंतन होना चाहिये .
आपने सरकार की दिशा एक नागरिक के हिसाब से अछी है उसे आपको गती देनी  पडेगी ओर कूछ  छोटे लेकिन असरदार काम जिसमे जनता की तुरंत भलाई हो करने  पडेंगे
हमे आपको ५ बरस के बाद भी प्रधानमन्त्री के जगह देखना है  इसी  लिये ये पत्र प्रपंच

धन्यवाद




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